
तापी प्रगट्या दिवस
सूर्य पुत्री नदी तापी
आषाढ़ शुक्ल सप्तमी
2 जुलाई 2025
शुभकामनाएँ
तापी प्रगट्या दिवस, जिसे सूर्यपुत्री तापी नदी का जन्मदिवस भी कहा जाता है, प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 2 जुलाई को पड़ रही है।
यह दिन सूरत की जीवनरेखा मानी जाने वाली तापी नदी के प्रति श्रद्धा और उत्सव का प्रतीक है। तापी नदी को देवी के रूप में पूजा जाता है और इसे क्षेत्र के जीवन और समृद्धि का स्रोत माना जाता है।
इस पर्व की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
पूजा और आरती: भक्तगण नदी के तट पर जाकर पूजा अर्चना करते हैं और आरती करते हैं।
चुन्नी अर्पण: 108 मीटर लंबी पारंपरिक चुन्नी नदी को अर्पित की जाती है।
यज्ञ: वैष्णव संप्रदाय द्वारा नदी तट पर पवित्र यज्ञ किया जाता है।
ध्वज अर्पण: 15 फीट ऊँचा ध्वज नदी को अर्पित किया जाता है।
सामुदायिक सहभागिता: बड़ी संख्या में श्रद्धालु, सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, और स्थानीय अधिकारी इस उत्सव में भाग लेते हैं।
नदी का आध्यात्मिक महत्व: तापी नदी को सूर्य देव की पुत्री माना जाता है और देवी रूप में इसकी पूजा की जाती है। यह क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी नदी है।
सादर —राजेश भाई देसाई
टी यन न्यूज 24 आवाज जुर्मके खिलाफ सूरत से संवाददाता राजेंद्र तिवारी कि खास रिपोर्ट स्थानीय प्रेस नोट और विज्ञापन के लिए संपर्क करें 9879855419





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