मानव अधिकार मिशन ने मनाया 11वां स्थापना दिवस, सभी पदाधिकारियों ने एक दूसरे को दी बधाई।

मानव अधिकार मिशन ने मनाया 11वां स्थापना दिवस, सभी पदाधिकारियों ने एक दूसरे को दी बधाई।

मानव अधिकार मिशन भारत के आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ महेन्द्र शर्मा जी व राष्ट्रीय पदाधिकारियों एवं प्रदेश पदाधिकारियों के द्वारा 11वे स्थापना दिवस पर जिलाध्यक्ष नंद किशोर शर्मा जनपद मथुरा उत्तर प्रदेश को उनके उत्कृष्ट कार्यों व पीड़ित लोगों की सेवा व सहयोग पर सम्मानित किया गया। मथुरा के जिलाध्यक्ष नंदकिशोर शर्मा ने मानव अधिकार मिशन भारत के स्थापना दिवस पर जनपद मथुरा उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष मथुरा व पदाधिकारियों एवं सदस्यों के साथ संगठन के स्थापना दिवस पर अपने कार्यालय पर केक काटकर , मिठाई खिलाकर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया।

संगठन में कठिन परिश्रम और लगन से कार्य करने वाले पदाधिकारियों को जिला अध्यक्ष के द्वारा सम्मानित किया गया।जिलाध्यक्ष ने मानव अधिकार मिशन के बारे में विस्तार से लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि मानवाधिकार का अर्थ विश्व में रहने वाले प्रत्येक मानव को प्राप्त कुछ विशेष अधिकार जो विश्व को एक सूत्र में बांधते हों, हर व्यक्ति की रक्षा करते हों, उसे दुनिया में स्वतंत्रता के साथ जीवन यापन करने की छूट देते हों, किसी व्यक्ति के साथ किसी भी कीमत पर कोई भेदभाव न हो, सब शांति से खुशी- खुशी अपना जीवन जी सकें, इसलिए मानवाधिकारों का निर्माण हुआ है ।

मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। मानव अधिकार का मतलब मनुष्यों को वो सभी अधिकार देना है, जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से मौजूद हैं और इन अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को अदालत द्वारा सजा दी जाती है। मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार भी शामिल है।

मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। मानवाधिकार मिशन का कार्य लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। हालांकि भारत में अगर मानवाधिकारों की बात की जाए तो यह साफ है कि आज भी बहुत सारे लोगों को मानवाधिकार के बारे में जानकारी नहीं है, जबकि वे उनके खुद के अधिकार हैं। पिछड़े हुए गांवों में जहां साक्षरता का स्तर थोड़ा कम है, वहां मानवाधिकारों का हनन होना आम बात है। ऐसे इलाकों में जिन लोगों के पास ताकत है, वे इनका पालन नहीं करते और सामान्य लोगों पर दबाव बनाते हैं। शहरों में जिन लोगों को मानवाधिकारों की जानकारी तो है लेकिन वे इनसे गलत फायदा भी उठा लेते हैं।

आज मानव अधिकार मिशन के स्थापना दिवस पर शिव शंकर अग्रवाल, डा. सुनील कुमार, शिवम वर्मा, गिरधारी लाल, विपिन कुमार त्यागी, शशिकांत वर्मा, देवदत्त भारद्वाज, अजीत चौधरी आदि पदाधिकारीयों सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

रिपोर्टर – विष्णु कुमार

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