उत्तर प्रदेश ,गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे स्थापित होंगी औद्योगिक इकाइयां, मेडिकल कॉलेज और शिक्षण संस्थान खुलेंगे, जानें पूरा प्लान
गंगा एक्सप्रेसवे देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा
यह उत्तर प्रदेश वेस्ट के प्रमुख शहर मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होगा
गंगा एक्सप्रेसवे 6 लेन चौड़ा बनाया जाएगा। हालांकि इसका डिजाइन 8 लेन के मुताबिक तैयार होगा
एक्सप्रेस वे के राइट ऑफ वे की चौड़ाई 130 मीटर रखी जाएगी
देश के दूसरे सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेस वे (Ganga Expressway) के निर्माण से न केवल ऐतिहासिक नगरी मेरठ और सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के बीच आवागमन में सुविधा मिलेगी, बल्कि रोजगार और कारोबार के संसाधन भी विकसित होंगे। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद इससे जुड़े क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश के विकास को बल मिलेगा। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रदेश के 12 जनपदों में निर्मित उत्पादों को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में पहुंचाना सरल हो जाएगा।
राज्य सरकार इस एक्सप्रेस-वे से जुड़े कुछ इलाकों में इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान और मेडिकल संस्थान के लिए भी जमीन उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। ताकि इस एक्सप्रेस-वे को विकास का मार्ग बनाया जा सके। इसके अलावा यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए भी समुचित संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार इन सभी संभावनाओं को लेकर योजना बना रही है। राज्य सरकार इस योजना को लेकर युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसके लिए आर्थिक मदद भी उपलब्ध हो गई है। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। बिड आमंत्रण के लिए प्रक्रिया चल रही है। जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 6800 हेक्टेयर (93%) भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।
*12 जनपदों को जोड़ेगा*
गंगा एक्सप्रेसवे देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इसकी अनुमानित लंबाई करीब 594 किलोमीटर है। यह उत्तर प्रदेश वेस्ट के प्रमुख शहर मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होगा और प्रयागराज में इलाहाबाद बाईपास पर जुड़ापुर दांदू गांव के पास तक निर्मित किया जाएगा। इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से प्रदेश के 12 जनपदों मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को लाभ मिलेगा। गंगा एक्सप्रेसवे 6 लेन चौड़ा बनाया जाएगा। हालांकि इसका डिजाइन 8 लेन के मुताबिक तैयार होगा। बाद में जरूरत के मुताबिक इसका विस्तार कर 8 लेन किया जा सकेगा। एक्सप्रेस वे के राइट ऑफ वे की चौड़ाई 130 मीटर रखी जाएगी। साथ ही इस एक्सप्रेस-वे से जुड़े गांवों के निवासियों को सुविधा देने के लिए इसके एक तरफ 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जाएगी। ताकि लोग आसानी से इससे आवागमन कर सकें।
*गांवों-कस्बों को मिलेगा लाभ*
राज्य सरकार का कहना है कि इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत होगी। साथ ही मेरठ और प्रयागराज समेत दर्जनों जनपदों के बीच आवागमन में कम वक्त लगेगा। पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। एक्सप्रेस वे से जुड़े गांवों और कस्बों में सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ कृषि, वाणिज्य, उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के साधन भी विकसित होंगे और लोगों को अपने गांव-कस्बे में ही आय का जरिया मिलेगा। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिहाज से भी यह एक्सप्रेसवे मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल प्रदेश के 12 जनपदों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे से उद्यमियों को भारी लाभ मिलेगा।
*औद्योगिक कॉरिडोर बनेगा*
यह एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में भी बेहद सफल होगा। प्रयागराज में बनने वाला उत्पाद आसानी से राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों तक पहुंच सकेगा। इसके अलावा स्थानीय रोजगार तथा विकास को बल देने के लिए सरकार इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, शिक्षण संस्थान और मेडिकल संस्थानों की स्थापना के लिए विकल्प उपलब्ध कराएगी। एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए प्रसंस्करण इकाई, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। राज्य सरकार एक्सप्रेसवे से जुड़े क्षेत्रों में व्यवसाय को बढ़ावा देगी। बताते चलें कि गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 5,100 करोड़ रुपये का ऋण पहले ही मिल चुका है।
*6.30 घंटे में प्रयागराज पहुंचेगे*
इस एक्सप्रेस-वे के पूर्ण हो जाने से लखनऊ से मेरठ की बीच की दूरी सिमट जाएगी। दोनों शहरों के बीच 12 से 15 घण्टे के स्थान पर 5-6 घण्टे लगेंगे। जबकि प्रयागराज और मेरठ के बीच की दूरी लगभग साढ़े छः घण्टे में तय की जा सकेगी। पिछले महीने 21 अगस्त को गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु सेक्योरिटाइजेशन के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 5,100 करोड़ रुपये की ऋण स्वीकृति पत्र के हस्तांतरण पर साइन हुए थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही, अवस्थापना सुविधाओं के तेजी से विकास के लिए कृतसंकल्प है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
Prem Chauhan
Editor in ChiefUpdated Video
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