यू.पी. में जनसंख्या कानून का ड्राफ्ट तैयार
2 से ज्यादा बच्चे हुए तो सरकारी नौकरी नहीं; चुनाव लड़ने पर भी रोक
विधेयकका प्रारूप अपनी सरकारी वैबसाइट पर अपलोड
नई दिल्ली/लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वह काम करने की पहल की है जिसकी पहल करने की हिम्मत मोदी सरकार भी नहीं कर पाई। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के प्रस्ताव के मुताबिक, एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता-पिता को कई तरह की सरकारी सुविधाएं मिलेंगी।
मसौदे में ये भी बड़ी बातें
12 से अधिक बच्चों के माता-पिता को 77 सरकारी योजनाओं व अनुदान का लाभ भी नहीं मिलेगा।
राशन कार्ड में भी 4 से अधिक सदस्यों के नाम नहीं लिखे जाएंगे।
21 साल से अधिक उम्र के युवक और 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों पर एक्ट लागू होगा।
● जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित पाठ्यक्रम स्कूलों में पढ़ाए जाने का सुझाव।
कानून लागू होने के बाद यदि किसी महिला को दूसरी प्रेग्नेंसी में जुड़वा बच्चे होते हैं तो वह कानून के दायरे में नहीं आएगी।
केवल 1 या 2 बच्चे पैदा करने के लाभ
● एक बच्चे पर कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी।
● सरकारी नौकरी करने वालों के नसबंदी कराने पर इंक्रीमेंट, प्रोमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट।
• 2 बच्चों वाले माता-पिता सरकारी नौकरी नहीं करते हैं तो बिजली-पानी, ऊस टैक्स, होम लोन में छूट।
तीसरे बच्चे को गोद लेने पर रोक नहीं रहेगी। यदि किसी के 2 बच्चे निशक्त हैं तो उसे तीसरी संतान होने पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा।
सरकारी कर्मचारियों को शपथपत्र देना होगा कि वे इस कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे।
• एक बच्चे पर नसबंदी कराने वाले दंपति को संतान के 20 वर्ष के होने तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता।
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