करोड़ों के फर्जी बैनामा प्रकरण में न्याय व्यवस्था को बना दिया मखौल…

फिरोजाबाद

 करोड़ों के फर्जी बैनामा प्रकरण में न्याय व्यवस्था को बना दिया मखौल…

 

सिरसागंज थाना क्षेत्र के भदेसरा गांव में तीन महीने पुराने  फर्जी बैनामा प्रकरण में आरोपियों को अपराधी साबित करना टेड़ी खीर साबित हो रहा है। बैंक, रजिस्ट्रार कार्यालय और तहसील तक जिम्मेदार लोगों की आंखों में धूल झोंक कर पटीगली सिरसागंज निवासी सियाराम शर्मा और भदेसरा निवासी हरिभान सिंह की  करोड़ों की जमीनों का फर्जी बैनामा करने वाले अब न्याय और कानून व्यवस्था का मखौल उड़ा रहे हैं।… दोनों मामलों की रिपोर्ट दर्ज है। पीड़ितों ने कई गंभीर तथ्यों से पुलिस को अवगत कराया है, लेकिन अभी तक की कार्यवाही में अपराध की बिखरी हुई कड़ियों के बीच स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाली कहानी का अनावरण नहीं हो सका है।………..अपराधी खेल रहे हैं नूरा कुश्ती… सिरसागंज। दर असल ऐसा लगता है जैसे कि फर्जी बैनामा प्रकरण में अपराधी नूरा कुश्ती खेल रहे हैं।  फरार चल रहे मुख्य अपराधी पूरन सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी ग्राम भदेसरा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली थी जिसे जिला सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। वहीं पूरन ने न्यायालय में दूसरे आरोपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ ₹50000 का लोन दिलवाने के बहाने से रजिस्टार ऑफिस ले जाकर फर्जी बैनामा मैं गवाह बनाने का आरोप लगाया है। जबकि इसके विपरीत आरोपी मनीष अग्रवाल ने पूरन सिंह एवं  सूरज शाक्य पर फर्जी दस्तावेज बनाकर बैनामा कर ने का आरोप लगाया है। मनीष अग्रवाल का कहना है कि यह दोनों लोग सिरसागंज निवासी उसके बहनोई नंदकिशोर के यहां गाड़ी चालक है। इस केस में पुलिस की सुस्त विवेचना के कारण कई महत्वपूर्ण तथ्य अभी समय के गर्भ में छिपे हुए हैं जिनका बाहर आना बहुत जरूरी है भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि मुख्य साजिशकर्ता पूरन सिंह का साडू जसवंत नगर के केस्थ का निवासी रामू की भी इसमें अहम भूमिका है। 90 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में केवल दो अभियुक्तों को गिरफ्तारी कर पाई है और दोनों ही आनन फानन में जमानत लेकर जेल से बाहर आ गए हैं।….घटना के बाद थाने में तीन इंचार्ज और दो विवेचक बदल गये हैं। दोनों मामलों में आठ लोग नामजद हैं, जबकि षड़यंत्र में शामिल कुछ और अपराधियों की जानकारी भी हुई है। इन हालात में आरोपियों की ओर से समझौते की पैरवी के लिए भी नयी नयी तिकड़म लगायी जा रही हैं।करोड़ों के फर्जी बैनामा प्रकरण में न्याय व्यवस्था को बना दिया मखौल… सिरसागंज। थाना क्षेत्र के भदेसरा गांव में तीन महीने पुराने फर्जी बैनामा प्रकरण में आरोपियों को अपराधी साबित करना टेड़ी खीर साबित हो रहा है। बैंक, रजिस्ट्रार कार्यालय और तहसील तक जिम्मेदार लोगों की आंखों में धूल झोंक कर पटीगली सिरसागंज निवासी सियाराम शर्मा और भदेसरा निवासी हरिभान सिंह की करोड़ों की जमीनों का फर्जी बैनामा करने वाले अब न्याय और कानून व्यवस्था का मखौल उड़ा रहे हैं।… दोनों मामलों की रिपोर्ट दर्ज है। पीड़ितों ने कई गंभीर तथ्यों से पुलिस को अवगत कराया है, लेकिन अभी तक की कार्यवाही में अपराध की बिखरी हुई कड़ियों के बीच स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाली कहानी का अनावरण नहीं हो सका है।………..अपराधी खेल रहे हैं नूरा कुश्ती… सिरसागंज। दर असल ऐसा लगता है जैसे कि फर्जी बैनामा प्रकरण में अपराधी नूरा कुश्ती खेल रहे हैं। फरार चल रहे मुख्य अपराधी पूरन सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी ग्राम भदेसरा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली थी जिसे जिला सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया। वहीं पूरन ने न्यायालय में दूसरे आरोपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ ₹50000 का लोन दिलवाने के बहाने से रजिस्टार ऑफिस ले जाकर फर्जी बैनामा मैं गवाह बनाने का आरोप लगाया है। जबकि इसके विपरीत आरोपी मनीष अग्रवाल ने पूरन सिंह एवं सूरज शाक्य पर फर्जी दस्तावेज बनाकर बैनामा कर ने का आरोप लगाया है। मनीष अग्रवाल का कहना है कि यह दोनों लोग सिरसागंज निवासी उसके बहनोई नंदकिशोर के यहां गाड़ी चालक है। इस केस में पुलिस की सुस्त विवेचना के कारण कई महत्वपूर्ण तथ्य अभी समय के गर्भ में छिपे हुए हैं जिनका बाहर आना बहुत जरूरी है भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि मुख्य साजिशकर्ता पूरन सिंह का साडू जसवंत नगर के केस्थ का निवासी रामू की भी इसमें अहम भूमिका है। 90 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में केवल दो अभियुक्तों को गिरफ्तारी कर पाई है और दोनों ही आनन फानन में जमानत लेकर जेल से बाहर आ गए हैं।….घटना के बाद थाने में तीन इंचार्ज और दो विवेचक बदल गये हैं। दोनों मामलों में आठ लोग नामजद हैं, जबकि षड़यंत्र में शामिल कुछ और अपराधियों की जानकारी भी हुई है। इन हालात में आरोपियों की ओर से समझौते की पैरवी के लिए भी नयी नयी तिकड़म लगायी जा रही हैं।

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