संवादाता अर्जुन रौतेला, आगरा। आज दिनांक 17/10/2023 को एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा (अप्सा) के वार्षिक समारोह के अंतर्गत शमशाबाद रोड स्थित ऑल सेण्ट्स स्कूल आगरा में अन्तर्विद्यालयी वरिष्ठ वर्ग (कक्षा 9 से 12) एकल गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । एकल गायन प्रतियोगिता की थीम ग़ज़ल रखी गई थी । 18 विद्यालयों के प्रतिभागी छात्रों ने प्रतियोगिता में अपने विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्कृष्ट एवं सराहनीय ग़ज़ल गायकी का प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल श्री देव शर्मा, श्री अनूप सिंह, सुश्री हेमा शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से निर्णय उपरांत प्रतियोगिता में चयनित
प्रथम पुरस्कार : दर्शित राज सोनी (डा. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल)
द्वितीय पुरस्कार : अनन्या जादौन (संत थॉमस स्कूल, सुनारी ) एवं
रिया बोरा (कर्नलस ब्राइटलैंड पब्लिक स्कूल )
तृतीय पुरस्कार : ख़ुशी सिंह (दिल्ली पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम)
प्रथम सांत्वना पुरस्कार : अध्या गोस्वामी, (सेण्ट् एंड्रयूज स्कूल, कमला नगर)
द्वितीय सांत्वना पुरस्कार : आराध्य दयाल (सेण्ट् पीटर्स कॉलेज, वजीरपुरा ) से पुरस्कृत किया गया ।
अप्सा निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता जी ने प्रतियोगिता में मौजूद रहकर सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया एवं चयनित प्रतिभागियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की ।
ऑल सेण्ट्स स्कूल के संस्थापक एवं निदेशक श्री त्रिलोक सिंह राना जी ने सभी प्रतिभागियों की उनके अद्भुत और दमदार प्रदर्शन के लिए सराहना की तथा उनकी उज्जवल भविष्य की कामना की ।
अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री योगेश उपाध्याय जी ने बताया कि शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही इस प्रकार की प्रतियोगिताओं को आयोजित किए जाने के पीछे हमारा एकमात्र उद्देश्य छात्रों के अंदर छिपी प्रतिभा को खोज कर बाहर लाना है जोकि शैक्षणिक एवं रचनात्मक गतिविधियों के समावेश से ही संभव है ।
इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों से आए प्रतिनिधियों में डा. सुशील गुप्ता, डा. जी. एस. राना, डा. गिरधर शर्मा, प्रद्युम्न चतुर्वेदी, त्रिलोक सिंह राना, शुभी दयाल, संजय अग्रवाल, समस्त प्रतिभागी, तथा ऑल सेण्ट्स स्कूल के निदेशक मंडल, प्रधानाचार्य, प्रशासनिक स्टाफ, शिक्षकगण एवं छात्रगण आदि उपस्थित रहे ।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।