
अधीक्षक के आगे सीएमओ नतमस्तक ।
घंटों पड़ी रही लाश, तड़पती रही दूसरी प्रसूता डॉक्टर नहीं मौजूद, कोतवाली का पुलिस फोर्स तैनात, फिर भी नहीं मिली कोई सरकारी मदद, ना हुई कोई कार्यवाही ।
स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं है पीने का पानी
नवजात शिशु की मौत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
चांदी की चम्मच से चटनी चट्टाता है अधीक्षक
आगरा जिस लोकसभा क्षेत्र से सांसद एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल हो इस क्षेत्र में स्वास्थ्य अधीक्षक अगर यह कहता हो कि चांदी के जूते के दम पर नौकरी करता हूं तो इसे क्या समझा जाए अधिकारियों को चांदी की चम्मच से चटनी चट्टाने वाला स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक अपनी मनमानी करने में लगा हुआ है उसके खिलाफ क्यों करवाई नहीं होती आखिरकार ऐसा क्या कारण है मुख्य चिकित्सा अधिकारी उसके आगे नतमस्तक हैं 9 वर्ष मंडल में रहने का अधिकार है लेकिन 13 वर्ष से चांदी के जूते की दम पर नौकरी करने वाला अधीक्षक को आखिरकार किसका संरक्षण प्राप्त है नवजात शिशु की मौत के बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई इस क्या समझा जाए जो अधीक्षक कहता है ऐसा ही महसूस हो रहा है सीएमओ अधीक्षक के नीचे दबे हुए हैं स्वास्थ्य केंद्र पर पीने के लिए पानी तक नहीं है स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर फरार रहते हैं दलालों के इशारे पर स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है आखिरकार सरकार को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है या फिर मरीजॉ के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रही है जनता परेशान है लेकिन अधिकारियों की आंखें बंद हो चुकी हैं उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता दीपावली का त्योहार आते ही अधिकारी झोलाछाप डॉक्टरों से एवं मेडिकल स्टोर से उगाई करने के लिए निकले हुए हैं जिस प्रकार मंगलामुखी त्योहार पर अपना निक मांगते हैं उसी प्रकार इस समय स्वास्थ्य विभाग की टीम अपने-अपने क्षेत्र में नेग मांग रही है हर झोलाछाप से 10 और ₹20000 लिए जा रहे हैं आखिरकार सरकार को बदनाम खुलेआम किया जा रहा है लेकिन ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती एत्मादपुर स्वास्थ्य केंद्र काफी समय से सुर्खियों में हैं लेकिन यहां पर तैनात स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक अपनी मनमानी कर रहा है शाम होते ही फरार हो जाता है मैरिज जिंदा रहे या मर जाए उसे कोई लेना-देना नहीं स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर मौजूद नहीं रहते मरिज तड़पते रहते हैं लेकिन स्वास्थ्य केंद्र राम भरोसे चल रहा है दो दिन पहले डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई हंगामा हुआ पीड़ित परिवार की तरफ से तहरीर दी गई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला स्वास्थ्य केंद्र पर पीने के लिए पानी की सुविधा तक नहीं है सीएमओ द्वारा खबर न चलने का दबाव बनाया जाता है इससे साफ जाहिर हो जाता है कि सीएमओ के संरक्षण में सभी स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात अधीक्षक मनमानी कर रहे हैं एत्मादपुर अधीक्षक तो सभी के सामने कहता हुआ दिखाई देता है कि चांदी की चम्मच से चटनी अधिकारियों को चटाता हूं इसलिए डाटा हुआ हूं 9 वर्ष में तबादला हो जाता लेकिन 13 वर्ष हो चुके हैं इसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता स्वास्थ्य मंत्री एसपी सिंह बघेल का क्षेत्र होने के बावजूद भी ऐसे अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती जो सरकार को बदनाम करने में लगा हुआ है स्वास्थ्य केंद्र पर बिना पैसे के कोई काम नहीं होता जिस दिन नवजात शिशु की मौत हुई थी उसे दिन स्वास्थ्य केंद्र पर इंजेक्शन के लिए ₹400 भी रिश्वत ली गई थी जब हंगामा हुआ तो ₹200 वापस कर दिए गए लेकिन सीएमओ की आंखें बंद है उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता क्योंकि उन्हें के इशारे पर स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात अधीक्षक मनवाणी कर रहा है ऐसे अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई न होना सवालिया निशान खड़ा करता है क्या सीएमओ सरकार को बदनाम करने में लगे हुए हैं या फिर साजिश के तहत सरकार को बदनाम किया जा रहा है योगी सरकार के सख्त आदेश हैं कि स्वास्थ्य केंद्र पर अधीक्षक 24 घंटे रहेंगे लेकिन सीएमओ इस आदेश को नहीं मानते और अपने अधीक्षकों को आदेश नहीं देते कि वह स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद रहे क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात अधीक्षक खुलेआम कहते हैं की चांदी के जूते के दम पर हम नौकरी करते हैं इससे साफ जाहिर हो जाता है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को कुछ न कुछ लालच है इसलिए इन स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात अधीक्षकों के खिलाफ और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तमाम स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं जहां अधीक्षक दबंगई करते हैं और कोई शिकायत करता है तो उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखने की कहते हैं आखिरकार यह मनमानी कब तक चलती रहेगी जनता कब तक मरती रहेगी अब देखना होगा कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात अधीक्षक के खिलाफ कब तक कार्रवाई होगी या फिर उसकी बातों में जो दम है इस आधार पर काम चलेगा किसी खबर से संबंधित अगर सीएमओ को फोन किया जाए तो फोन नहीं उठाते फोन उठाने पर जवाब देना पड़ेगा इसलिए फोन ना उठाना उचित समझा जाता है ।





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