आगरा इस्लामिया स्थानीय एजेंसी के अध्यक्ष हाजी असलम कुरेशी ने कहा है हिंदूवादी संगठन ने जिस ताजमहल के उर्स को रुकवाने के लिए कोर्ट में याचिका दयार की गाई है वह उर्फ बादशाह शाहजहां का सं 1600 61 62 से लगातार चलता चला आ रहा है यह उर्स मुबारक बादशाह शाहजहाँ का उर्स मुबारक आगरा में मोहब्बत भाई का प्रतीक है बादशाह शाहजहाँ के तीन दिवासिया सलाना उर्स मुबारक में सभी जाति धर्म के श्रद्धलु ताजमहल परिसर में अपनी हाजिरी लगाते हैं और हजरत बादशाह शाहजहां रहमतुल्लाह आले से फैज पाते हैं क्योंकि आप शाहजहां अल्लाह के वली हैं न्यायलय को हिंदूवादी संगठनों की याचिका पर ध्यान ना देकर सुबह कुल की नगरी आगरा में भाई चारा और मोहब्बत को कायम रखे हुए इस याचिका को खारिज कर देना चाहिए जिसे आगरा शहर में नफ़रत की आग न फेल और हम सभी हिंदू मुस्लिम सिख इसाई भाईचारे से रहे मोहब्बत की नगरी आगरा में कभी भी नफ़रत की आग न फेल होगी और न ही फेल होगी
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