आगरा संवादाता अर्जुन रौतेला। प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा के साथ-साथ सदैव अन्य क्रियाकलापों के माध्यम से आज के बदलते परिवेश में समय व संतुलन को बनाए रखने के प्रयास में अग्रसर रहता है। इसी क्रम में दिनांक 16 फ़रवरी 2024, शुक्रवार को विद्यालय प्रांगण में ’साइंटिया माय होम लैब” विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ किया गया।
विज्ञान प्रदर्शनी में निर्णायक मंडल- रूपेश कुमार श्रीवास्तव (प्रिंसिपल रासा इंटरनेशनल स्कूल, आगरा) डॉ. ए. के. वर्मा (असिस्टेंट प्रोफेसर- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग,डॉ. बी. आर. अंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा तथा *डॉ. शिल्पी लवानियाँ (असिस्टेंट प्रोफेसर- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग टेक्निकल इंस्टिट्यूट बी.आर. अंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा देवेन्द्र कुमार शर्मा ( कोऑर्डिनेटर एंड फाउंडर ऑफ ग्लोबल इनोवेशन फाउंडेशन साइंस क्लब), विद्यालय के निदेशक शलब गुप्ता, प्रधानाचार्य अरविंद श्रीवास्तव तथा प्रमुख समन्वयक संजय शर्मा ने फीता काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके रचनात्मक विचारों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करना तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि को बढ़ावा देना है। उत्साह के साथ नए तथ्यों और आविष्कारों को सीखने के लिए छात्रों को प्रेरित करना है। प्रदर्शनी में वैज्ञानिक नवाचारों, विचारों और परियोजनाओं को विभिन्न मॉडल्स के द्वारा प्रदर्शित किया गया।
इस प्रदर्शनी में कक्षा तीन से नौ तथा ग्यारह तक के
विद्यालय के चारों सदनों एंड्रोमिडा, ऑरायन, पिगेसिस तथा फिनिक्स सदन के लगभग 200 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
छात्रों के द्वारा वाटर साइकल, चंद्रयान 3, फेजेज ऑफ़ मून, हाइड्रोक्लोरिक ब्रिज, होम थिएटर, इंडियन एंपायर, एग्रीकल्चर, स्मार्ट सिटी,न्यू पार्लियामेंट,इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स हाइब्रिड सिक्योरिटी इलेक्ट्रोमैग्नेट ट्रेन, सोलर सिस्टम, इलेक्ट्रिक बेल, रिवर कोर्स, थ्री डी आई स्ट्रक्चर, ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट, अर्थक्वेक अलार्म, सिक्योरिटी सिस्टम, विंडमिल, डे एंड नाइट मॉडल, हाइड्रोक्लोरिक ब्रिज , स्मार्ट सिटी, आदि विषयों पर 150 मॉडल तैयार किए गए।
फ्यूचर लाइट कोन एंड पास्ट लाइट कोन, प्लाज्मा गन, इलेक्ट्रिक बाइक, हाइड्रोक्लोरिक जेसीबी, ह्यूमन हार्ट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पार्लियामेंट हाउस, टाइमलाइन ऑफ़ मुग़ल एंपायर, वोल्कानो, लेयर ऑफ अर्थ,डैम, ड्रिप इरीगेशन, वॉयरलैस पावर ट्रांसमिशन, पी.एस.एल.वी मॉडल, वर्किंग कार, ऑटोमेटिक रेन सेंसर सभी मॉडल्स दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहे।
प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों ने दैनिक जीवन में विज्ञान का उपयोग एवं महत्व जाना।सभी छात्र -छात्राओं ने अपने स्थैतिक एवं सजीव गतिक मॉडल प्रस्तुत करके सभी दर्शकों को प्रभावित किया। प्रतिभागियों ने उत्साह पूर्वक अपनी प्रतिभा और वैज्ञानिक सोच को प्रदर्शित करते हुए प्रशंसा हासिल की। विद्यालय निदेशक शलब गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने तथा विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए जरूरी है कि उनको वैज्ञानिक गतिविधियों में प्रतिभाग कराया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजना तथा मॉडल्स के माध्यम से छात्र रुचिपूर्ण अधिगम करते हैं तथा व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से उनकी सीखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
अंतर्सदनीय प्रतियोगिता दो वर्गों – (कक्षा तीन से छह तथा कक्षा सात से ग्यारह) में आयोजित की गई। प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहा-
🌲वर्ग -कक्षा 3 से 6 तक
प्रथम स्थान -अर्पिता सिंह, पीहू गुप्ता, रुद्र प्रताप सिंह, अरिका अग्रवाल (फिनिक्स सदन, कक्षा- पाँच अ)
द्वितीय स्थान – कोशिचा पायरा, सिद्धि गोयल, आरव प्रताप सिंह, निकुंज प्रताप सिंह( आरायन सदन कक्षा- तीन अ)
द्वितीय स्थान – अल्यना खान, युवांश सिंह, कृपांश, ऋषिका डेम्बला( फिनिक्स सदन कक्षा- चार अ)
तृतीय स्थान -अनघ बरनवाल, विहान चौधरी, गौरी गोयल, मिशिका चौधरी (पिगेसस सदन कक्षा- 4 अ)
🌹वर्ग -कक्षा 7 से 11 तक
प्रथम स्थान – अभिषेक सिंह (फिनिक्स सदन कक्षा नौ ब)
द्वितीय स्थान – शिवांश मुरवरिया (फिनिक्स सदन नौ ब), आर्यन शर्मा (आरायन सदन आठ अ), लक्ष्य गुप्ता ( आरायन सदन नौ ब)
तृतीय स्थान – शशांक तिवारी, गुरलीन कौर, झील विशेष , ओजस कक्कड़ (फिनिक्स सदन आठ ब)।
विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित की और उन्होंने कहा कि नई वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाकर जीवन के पथ पर निरंतर अग्रसर रहना चाहिए। सभी प्रतियोगियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिए गए।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के निदेशक शलब गुप्ता व प्राचार्य अरविन्द श्रीवास्तव ने अपने आशीर्वचन दिए और सभी छात्रों की प्रस्तुतियों की प्रशंसा की ।
छात्रा आयुषी वर्मा ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया ।
प्रदर्शनी में सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं का सहयोग रहा।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।