भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मनाई 105वीं जयंती।

।।    मथुरा   ।।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मनाई 105वीं जयंती।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय को भारतीय राजनीति के इतिहास में सबसे प्रमुख चेहरों में से एक माना जाता है। उपाध्याय एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक और भारतीय जन संघ (BJS) के सह-संस्थापक थे। वहीं आज भाजपा कार्यकर्ताओ ने उनके जन्म दिन पर याद करते हुए डेम्पियर नगर मथुरा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि अर्पित की। सतीश वाल्मीकि ने बताया कि एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया। उनके विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

सतीश बाल्मिकी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए लोगों को बताया कि उपाध्याय का जन्म 1916 में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के फरह शहर के पास नगला चंद्रभान गाँव, जिसे अब दीनदयाल धाम के नाम से जाना जाता है में हुआ था। उनके पिता, भगवती प्रसाद उपाध्याय, एक ज्योतिषी थे, जबकि उनकी माँ एक गृहिणी थीं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था और उनका पालन-पोषण उनके मामा ने किया था। उन्होंने सीकर में हाई स्कूल में पढ़ाई की। पिलानी में अपनी इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उपाध्याय कला स्नातक करने के लिए कानपुर चले गए और सनातन धर्म कॉलेज में शामिल हो गए ।

वे पहली बार सनातन धर्म कॉलेज में पढ़ते हुए RSS से जुड़े। RSS शिविर में भाग लेकर संघ शिक्षा का प्रशिक्षण लिया और उन्होंने आरएसएस के लिए पूर्णकालिक रूप से काम करना शुरू कर दिया। उसके बाद उन्होंने जौनपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। पंडित उपाध्याय ने हिंदुत्व विचारधारा के प्रसार के लिए लखनऊ से मासिक राष्ट्र धर्म प्रकाशन शुरू किया। उसके बाद उन्होंने अनेकों कार्य किए। पंडित उपाध्याय की 1968 में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई । सतीश वाल्मीकि ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में हर साल 25 सितंबर को अंत्योदय दिवस मनाया जाता है। अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन देश में गरीबों के उत्थान में तमाम अंत्योदय योजनाएं चल रही हैं। भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98 वीं जयंती के अवसर पर ‘अंत्योदय दिवस’ की घोषणा की गई थी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ही अंत्योदय का नारा दिया था। अंत्योदय का अर्थ है समाज के अंतिम छोर तक आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोगों का उदय या विकास करना होता है। अंत्योदय का नारा देने वाले दीनदयाल उपाध्याय का कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिन्दू संस्कृति है। उनका कहना था कि भारत की जड़ों से जुड़ी राजनीति, अर्थनीति और समाज नीति ही देश के भाग्य को बदलने का सामर्थ्य रखती है।

वहीं आज इस शुभ अवसर पर जिलाध्यक्ष मथुरा के द्वारा सभी सम्मानित नवनियुक्त अनसूचित मोर्चा मंडल के अध्यक्षों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए बधाई दी। आज के इस कार्यक्रम में अनुसूचित मोर्चा के महामंत्री दिनेश कुमार सूर्यवंशी, उपाध्यक्ष बृजेश खरे, बलवीर सिंह धनगर, विष्णु गौतम, एवं सौरव बाल्मीकि औऱ सतीश कुमार वाल्मीकि ज़िला अध्यक्ष अनुसूचित मोर्चा आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
रिपोर्टर– विष्णु कुमार।
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