*आज का पंचांग*
*दिनांक – 17 अप्रैल 2024*
*दिन – बुधवार*
*विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार – 2080)*
*शक संवत – 1946*
*कलि युगाब्द – 5126*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*मास – चैत्र*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – नवमी शाम 03:14 तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र – अश्लेशा पूर्ण रात्रि तक*
*योग – शूल रात्रि 11:51 तक तत्पश्चात गण्ड*
*राहुकाल – दोपहर 12:08 से दोपहर 01:45 तक*
*सूर्योदय – 05:43*
*सूर्यास्त – 06:34*
_*स्थानीय समयानुसार अभिजीत मुहूर्त, राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय चंद्रोदय, चंद्रास्त समय में अंतर सम्भव है…..*_
*दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण – श्रीराम नवमी, चैत्री -वासंती नवरात्र समाप्त*
*विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*चैत्र नवरात्रि*
*नवरात्रि की नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं। इससे वैभव व यश मिलता है।*
*चैत्र नवरात्रि*
*सुख-समृद्धि के लिए करें मां सिद्धिदात्री की पूजा*
*चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।*
*धर्मराज दशमी*
*विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी ….. जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता | ) यानी 18 अप्रैल 2024 गुरुवार को भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन कर और हो सके तो घी की आहुति दे।*
*एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है। आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–*
*[ ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफे है वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले | ]*
*ॐ यमाय नम:*
*ॐ धर्मराजाय नम:*
*ॐ मृत्यवे नम:*
*ॐ अन्तकाय नम:*
*ॐ कालाय नम:*
*ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है।*
*ज्योतिष शास्त्र*
*17 अप्रैल, बुधवार को श्रीराम नवमी का पर्व है। त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था। इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। ज्योष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।*
*श्रीराम नवमी की सुबह किसी राम मंदिर में जाकर राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें ।हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा।*
*दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें। इससे धन लाभ हो सकता है।*
*इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं। इससे आपकी हर मनोकामना पुरी हो सकती है।*
*श्रीराम नवमी की शाम को तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इससे घर में सुख-शांति रहेगी।*
*इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी।*
*इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें।इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है।*
*भगवान श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं। इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी।*
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