अर्जुन रौतेला (संवादाता)आगरा। घुमन्तु पाठशाला द्वारा बुधवार को सुलभपुरम स्थित घुमन्तु पाठशाला में नवरात्रि महोत्सव में माँ दुर्गा के नौ रूपों की अर्चना की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी गुंजन सारस्वत, सरंक्षक शिक्षविद डॉ. माया श्रीवास्तव एवं अरुणा भार्गव ने माँ दुर्गा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि अरुण सारस्वत ने कहा देवी माँ के मंत्र पढ़ने से जीवन मे खुशियां आती हैं।
इस अवसर पर घुमन्तु पाठशाला की नौ बेटियां बनी माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की अर्चना हुई और उपहार स्वरूप उन्हें सामान भेंट किया गया। अतिथियों का स्वागत संस्थापक डॉ. हृदेश चौधरी, जिला महासचिव दीप्ति भार्गव एवं कोषाध्यक्ष रश्मि गुप्ता ने किया।
आदि शक्ति दुर्गा पूजा के पावन पर्व पर माता की भेंट, गीत, नृत्य की प्रस्तुति वैष्णवी नरवार, ममता पचौरी, राजकुमारी पराशर, रेखा साहनी एवं प्रीति भार्गव ने दी जिससे इस पर्व को सभी ने हर्षोल्लास से मनाया।
कार्यक्रम की समस्त व्यवस्थाएं दस सदस्यीय संयोजक मण्डल की टीम में शामिल अवधेश उपाध्याय, रेणु भारद्वाज, अमोल शर्मा, प्रीति भार्गव, नीलू पराशर, सरिता उपाध्याय, चंद्रावती नरवार, स्वाति भार्गव, रागिनी कुलश्रेष्ठ ने संभाली। इस अवसर पर डॉ. अमिता त्रिपाठी, अंजू सिंह, सुधा दीक्षित, चौ.अमर सिंह, रागिनी कुलश्रेष्ठ, अन्नपूर्णा, अनिल अरोरा, बबिता पाहुजा मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन अवधेश उपाध्याय ने प्रेषित किया।
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रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद।
सुर्ख रूह होता है इंसान ठोकरें खाने के बाद।।
मेहंदी का रंग प्राप्त करने के लिए उसको पत्थर पर पिसा जाता है, तब लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य जो जितना “दर्द अथवा कठिन कर्म” करता है, लोग उसी की तरफ आकर्षित होते हैं।