सुमित मित्तल किरावली हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी तीर्थों पर स्नान करने के बराबर पुण्य मिलता है. निर्जला एकादशी के व्रत को इन सबमें श्रेष्ठ और कठिन व्रत में एक माना गया है. निर्जला एकादशी का व्रत सभी मनोकामना को पूरा करने वाला माना गया है. शास्त्रों में निर्जला एकादशी व्रत का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. बता दें कि, पूरे साल में कुल 24 और अधिकमास होने पर 26 एकादशी पड़ती है.सभी एकादशी को अलग-अलग नाम से जाना जाता है और सभी का अपना विशेष महत्व होता है. खास कर निर्जला एकादशी के दिन किए गए पूजन व दान-पुण्य से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाने वाली सभी एकादशी में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन होता है. इस व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है
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