
करंट लगने से युवक की दर्दनाक मौत यतीम हुए तीन मासूम, मानवता हुई शर्मसार, यूपी सीएम के आदेश तार-तार
उत्तर प्रदेश:– जनपद आगरा की तहसील एत्मादपुर के ब्लॉक खंदौली की ग्राम पंचायत मुड़ी जहांगीरपुर का एक गरीब निर्धन परिवार के तीन बच्चे यतीम हो गए । लाश पड़ी रही लेकिन कोई भी क्षेत्र का प्रतिनिधि या कोई संबंधित अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा ।
प्रदेश एवं केंद्र सरकार का स्लोगन
सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास आज आगरा के विकासखंड खंदौली की ग्राम पंचायत मुड़ी जहांगीरपुर में घुटने टेक किया ।
आखिर घटना की जानकारी मिलने के बावजूद भी ग्राम प्रधान क्षेत्रीय प्रतिनिधि या फिर संबंधित अधिकारी घटनास्थल पर क्यों नहीं पहुंचे…?
बताते चलना है कि मामला कुछ इस कदर है कि प्रातः करीब 7:00 मिथुन नामक युवक की करंट लगकर मौत हो गई ।
जिसकी सूचना ग्राम पंचायत मुड़ी जहांगीरपुर के जिम्मेदार व्यक्तियों ने एसडीओ खंदौली, जेई लेखपाल एवं अन्य क्षेत्रीय प्रतिनिधियों को भी दी। लेकिन खबर लिखे जाने समय करीब दोपहर 2:00 बजे तक कोई भी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा ।
बिजली की चपेट में आकर दम तोड़ने वाला मिथुन बेहद गरीब है जो मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था ।
बिजली की चपेट में आकर मरने वाले मिथुन की उम्र करीब 25 वर्ष आकलन की जा रही है तो वहीं उसके दो बेटे और एक बेटा है मृतक मिथुन के बच्चे बहुत ही मायूस एवं मासूमों की मनोदशा कि इकल बिखल है ।
एक तरफ उमस भरे माहौल में मृतक का शव बर्फ पर रखा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ मायूस मासूमों का भी भूख प्यास से रो रो कर बुरा हाल है ।
एक तरफ सरकार कहती है कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास क्या यह सरकार का स्लोगन धनवान्य लोगों के लिए या फिर सत्तापक्ष में कार्यरत पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के लिए है ..? इन लोगों का विकास साथ और विश्वास नहीं टूटना चाहिए…?
क्या किसी गरीब परिवार का मान सम्मान साथ विकास और विश्वास नहीं होता…?
क्या क्षेत्रीय प्रतिनिधि या अधिकारियों से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मना कर दिया है कि किसी गरीब परिवार की संवेदना और उसका साथ मत दो…?
यदि ऐसा नहीं है तो मुड़ी जहांगीरपुर ब्लॉक खंदौली के क्षेत्रीय प्रतिनिधि ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र के अधिकारी आखिरकार कहां रंगरलिया बना रहें हैं…?
या फिर यह कहा जाए के योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर के डर से घुसपैठिए भाजपा की शरण में आकर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं और विपक्ष की सत्ता बनाने के लिए 24 की तैयारी कर रहे हैं ।
एक बड़ा सवाल क्या पीड़ित परिवार एवं तीन मायूस मासूमों को कोई राजकीय आर्थिक मदद मिलेगी या फिर भगवान भरोसे उनकी कश्ती चलेगी ।





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