
सावन मास में लगने वाले कांवड़ मेला में हर ओर शिवभक्तों का जोश नजर आ रहा है। हरि की पौड़ी घाट से लहरा के भागीरथी गंगा घाट तक हर ओर युवा, महिलाएं और यहां तक बच्चों की टोलियां कांवड़े सजाती नजर आ रही हैं। घाटों से बाजारों तक बम बम भोले के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो रहा है।
केसरिया वस्त्र पहने कांवड़िये कभी बम बम भोले के जयकारे लगाते हैं तो कभी भोले के गीतों पर झूमते हैं। यह आस्था की ही मेला है तभी तीर्थ क्षेत्र में श्रद्धालु पूरे मनोयोग से कांवड़े सजाते नजर आ रहे हैं। तीर्थंनगरी के बस स्टैंड, मंदिर प्रांगण, पार्क समेत हर ओर सिर्फ कांवड़िये ही नजर आ रहे हैं जो पूरी तल्लीनता से अपनी-अपनी कांवड़े सजा रहे हैं। तीर्थंनगरी के लहरा घाट तक पहुंचने के लिए सजी-धजी कांवड़ें टेंपों की छत पर रखी नजर आ रही है।
यहां घाट पर गंगा स्नान कर कांवड़िये गंतव्य के लिए रवाना हो रहे हैं। इससे पूर्व भोले के भक्त लहरेश्वर, योगेश्वर, सोमेश्वर, मनकामेश्वर में मत्था टेकने की परंपरा का भी निर्वाह करना नहीं भूल रहे हैं।





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