
पहले करते हैं दलाली और भ्रष्टाचारी, फिर अपनी जान पर आ पड़ती है तो त्राहिमाम त्राहिमाम करते हैं विभाग के अधिकारी ।
एक बड़ा सवाल किसके इशारे पर होता है खनन का काम…?
लगातार खनन माफिया के शिकार क्यों होते हैं राजकीय विभागीय लोग…?
क्या किसी बड़े अधिकारी के संरक्षण में फल फूल रहा है खनन…?
या किसी वरिष्ठ नेता के संरक्षण में बेखौफ दबंग हो रहे हैं भू माफिया…?
कहते हैं कि बिना पुलिस की मर्जी से मंदिर की बाहर की चप्पल भी चोरी नहीं होती ।
फिर यह कितना बड़ा खनन का खेल कैसे चल रहा है…?
क्या पुलिस प्रशासन किसी दबाव में है…?
यह भ्रष्टाचारियों के अभाव में…?
तहसीलदार को खनन माफिया ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
तहसीलदार ,नायव तहसीलदार को जान से मारने का प्रयास
मिट्टी खनन माफियाओं ने जेसीबी ट्रैक्टर ट्राली से रोंद्रे का प्रयास
घायल अवस्था में अस्पताल में कराया भर्ती
आगरा खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं सरकार द्वारा सस्ता आदेश दिए गए हैं कि खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन इलाका पुलिस की मिली भगत के कारण खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तमाम थाना क्षेत्र में आधी रात के बाद खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं और पुलिस की मिली भगत से क्षेत्र में मिट्टी वालों का अवैध खनन होता है या कोई पहला मामला नहीं है जो तहसीलदार नायक तहसीलदार पर खनन माफिया ने हमला किया हो और करने का प्रयास किया है इससे पहले भी खनन माफियाओं ने पुलिस वालों को कुचल दिया और उनकी हत्या कर दी कुछ दिन तो इलाका पुलिस खाना माफिया के खिलाफ कार्रवाई की बात कहती है लेकिन दो-चार दिन बीत जाने के बाद फिर से खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं थाना जगनेर सैया मलपुरा सिकंदरा ताजगंज तमाम क्षेत्रों में मिट्टी का खनन होता है लेकिन इलाका पुलिस कार्रवाई नहीं करती क्योंकि महीनेदारी पैसा पहुंचता है शुक्रवार की रात थाना जैतपुर क्षेत्र में मिट्टी खनन की सूचना पर नायव तहसीलदार एवं तहसीलदार पहुंचे तो खनन माफियाओं ने उनका घर कर हमला कर दिया जान बचाकर भेज अधिकारियों पर जेसीबी और ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया उनकी गाड़ी तोड़ दी गई सूत्रों की माने तो उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर भी पीटा गया है हमले में गाड़ी भी तोड़ दी गई है और घायल अवस्था में तहसीलदार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है तहसीलदार द्वारा उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई उसके बाद इलाका पुलिस पहुंची इलाका पुलिस की मिली भगत से मिट्टी का खनन चल रहा था ग्रामीणों का कहना है कि ₹20000 प्रति दिन के हिसाब से खनन माफिया थाना पुलिस को देते हैं उनकी सहमति पर ही इलाका पुलिस मिट्टी एवं बालों का अवैध खनन करती है खनन माफिया का नेटवर्क इतना बड़ा होता है कि जैसे ही अधिकारी आते हैं उनको जानकारी हो जाती है चप्पे चप्पे पर उनके आदमी हथियार लेकर खड़े होते हैं और इलाका पुलिस उनका सहयोग करती है या कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई बार अधिकारियों पर हमले हो चुके हैं पुलिस कमिश्नर डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह के सख्त आदेश हैं कि क्षेत्र में कोई भी अवैध खनन नहीं चलेगा लेकिन इलाका पुलिस कहां मानती है और अवैध खनन करती है रात्रि 1:00 बजे थाना सैया क्षेत्र से चंबल वारु से भरे हुए सैकड़ो ट्रक निकलते हैं इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती एक बार तो बड़ी कार्रवाई हुई थी लेकिन फिर दोबारा से रात्रि में बड़ी-बड़ी गाड़ियां खनन माफियाओं की निकल जाती हैं और कई थाना क्षेत्र से होकर गुजरती हैं लेकिन कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं होता बताया गया है कि ₹35000 प्रति ट्रक के हिसाब से इलाका पुलिस को जाता है उसके बाद ही गाड़ियां निकलते हैं उन गाड़ियों के साथ चार पहिया गाड़ी में खनन माफियाओं के लोग आगे आगे चलते हैं उनके पास हथियार भी होते हैं अब देखना होगा कि इन खनन माफियाओं के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है या फिर कार्रवाई के नाम पर केवल खाना पूर्ति होगी जब बड़ी घटना होती है तो इलाका पुलिस कार्रवाई की बात कहती है लेकिन फिर इलाका पुलिस चुपचाप बैठ जाती है ।





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