*संस्कार भारती के लाखों कार्यकर्ताओं का भरोसा थे कला ऋषि पद्मश्री योगेंद्र बाबा*
*संस्कार भारती आगरा ब्रज प्रांत ने श्रद्धा पूर्वक मनाया कला ऋषि पद्मश्री माननीय योगेंद्र बाबा का जन्मशताब्दी समारोह, कला साधकों से खचाखच भर गया सूरसदन, रह रह कर उमड़ता रहा देशभक्ति का ज्वार*
*बाबा ने कहा था कि पद्मश्री तो कलाकारों को मिलनी चाहिए, मैं कलाकार नहीं: माननीय रामलाल जी*
आगरा। संस्कार भारती आगरा ब्रज प्रांत द्वारा कला ऋषि पद्मश्री माननीय योगेंद्र बाबा का जन्म शताब्दी समारोह रविवार शाम कला साधकों से खचाखच भरे सूरसदन सभागार में मनाया गया। इस दौरान बाबा योगेंद्र जी के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और भारतीय वैचारिक चेतना पर गर्व करने और भावुक होने के अनेक पल आए। सभागार रह रह कर तालियों और नारों-जयकारों से गूंजता रहा। रह रह कर देश भक्ति का ज्वार उमड़ता रहा।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख माननीय रामलाल जी, मुख्य अतिथि माही इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन सीए संजय अग्रवाल, कार्यक्रम अध्यक्ष तपन ग्रुप के चेयरमैन सुरेश चंद्र गर्ग और स्वागताध्यक्ष ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर डीवी शर्मा ने मां शारदे के साथ पद्मश्री बाबा योगेंद्र दा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर और समक्ष दीप जलाकर समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और समारोह के विशिष्ट सहयोगी भाजपा ब्रज क्षेत्र के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र अग्रवाल मघटई वाले भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख माननीय रामलाल ने कहा कि योगेंद्र बाबा बहुतों के मित्र थे, संरक्षक थे। हम जैसे अनेक कार्यकर्ता उनकी गोद में बैठकर रो सकते थे। संस्कार भारती के हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं का वे भरोसा थे। मैंने जब उन्हें पद्मश्री मिलने पर बधाई दी तो उन्होंने कहा कि पद्मश्री तो कलाकारों को मिलनी चाहिए। मैं तो केवल कलाकारों को जोड़ता हूं। मैं कलाकार नहीं हूं। ऐसे अहंकार रहित इंसान थे योगेंद्र दा..
माननीय रामलाल जी ने कहा कि योगेंद्र बाबा ने अपना पूरा जीवन और अपने सभी पुरस्कार सहित अपना सर्वस्व देश पर न्योछावर कर दिया और संस्कार भारती जैसे संगठन को समर्पित कर दिया। वे सादगी, सरलता, सजगता, समर्पण और साधना के प्रतीक थे, पर्याय थे। उनकी स्मरण शक्ति अनूठी थी। वे जीवन के आखिरी क्षण तक सक्रिय रहे।
*28 स्थानीय संस्थाओं का किया सम्मान..*
समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख माननीय रामलाल और अन्य अतिथि गणों ने साहित्य, संगीत, चित्रकला, नाट्य एवं लोक कला की 28 स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में समाजसेवी संदीप कालीचरन अग्रवाल, केशव प्रसाद सिंह, डॉक्टर खुशीराम शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार शीलेंद्र कुमार वशिष्ठ, सुशील सरित, डिंपी मिश्रा, डॉ. आभा सिंह, श्रीमती प्रतिभा तलेगांवकर, गजेंद्र सिंह चौहान, डॉक्टर सदानंद ब्रह्म भट्ट, श्रीमती विजय लक्ष्मी शर्मा, दिलीप रघुवंशी, निशिराज, ज्योति खंडेलवाल, पुरुषोत्तम मयूरा, अलका सिंह, अनिल जैन, डॉ. राजेंद्र मिलन, अशोक अश्रु, डॉक्टर शैल बाला अग्रवाल, बृजेश कुमार वर्मा, नरेंद्र पाठक और महावीर सिंह चाहर प्रमुख रूप से शामिल रहे।
*चित्रकला प्रदर्शनी ने मन मोहा*
इस दौरान सूरसदन गैलरी में डॉक्टर साधना सिंह एवं उनके सहयोगियों द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई जो सबके आकर्षण का केंद्र रही। डॉक्टर सरोज भार्गव, डॉक्टर चित्रलेखा सिंह, डॉक्टर बिंदू अवस्थी, डॉक्टर विजय एम. ढोरे, डॉक्टर इंदू जोशी, डॉक्टर मीना कुमारी, डॉक्टर आभा, डॉक्टर शार्दुल मिश्रा, डॉक्टर ममता बंसल और डॉ. नीलम कांत सहित लगभग 58 कलाकारों की कलाकृतियां इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गईं।
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