
आगरा। थानों के मालखाने भी सुरक्षित नहीं हैं। एत्मादपुर थाने के मालखाने से एक लाइसेंसी बंदूक गायब हो गई। पीड़ित ने इस मामले में पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी। पुलिस आयुक्त ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। थाने में 11 साल पुराना रिकार्ड खंगाला जा रहा है। पीड़ित के पास बंदूक जमा करते समय थाने से दी गई रसीद मौजूद है। रसीद सुरक्षित नहीं रखी होती तो बंदूक का दावा भी नहीं कर पाता।
मालखाने में हो चुकी है चोरी
मामला एत्मादपुर के गांव बिहारीपुर का है। रामनिवास ने बताया कि वह आलू किसान है। पिता श्यामवीर सिंह पूर्व प्रधान थे। 14 जुलाई 2012 को चुनाव के समय पिता ने अपनी लाइसेंसी बंदूक एत्मादपुर थाने में जमा की थी। उसके बाद पिता की तबियत खराब हो गई। उन्हें लकवा मार गया । वह बंदूक रखने की स्थिति में नहीं थे, इसलिए थाने बंदूक लेने नहीं गए। बीच में वह कई बार थाने बंदूक लेने गया। उससे कहा गया कि जिनके नाम लाइसेंस है उन्हें ही दी जाएगी। वह वापस लोट आता था।
मालखाने से माल गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। अक्तूबर 2021 में जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये चोरी हुए थे। पुलिस ने शक में सफाई कर्मचारी को पकड़ा था। उसकी हिरासत में मौत हो गई थी। बवाल हुआ था । कई लोग निलंबित हुए थे। बंदूक गायब होने का भी यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में न्यू आगरा और रकाबगंज थाने 14 मार्च 2021 को पिता का देहांत हो गया। उसने वारिसान में अपना शस्त्रत्त् में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। मुकदमे लिखे गए थे। यह घटनाएं करीब एक दशक पुरानी हैं।
लाइसेंस बनवाया। 10 मई 2023 को उसका लाइसेंस बना। उसके बाद से वह अपनी बंदूक लेने के लिए थाने चक्कर काट रहा है। पहले तो उसे टहला दिया गया। उसने प्रार्थना पत्र दिया। थाने पर उसका प्रार्थना पत्र किसी ने रिसीव नहीं किया। कई चक्कर काटने पर उसे बताया गया कि बंदूक मालखाने में मिल नहीं रही है।
इस जानकारी के बाद पीड़ित ने पुलिस आयुक्त को प्रार्थना पत्र दिया। पुलिस आयुक्त ने तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने आदेश दिए हैं। वर्ष 2012 में मालखाने का चार्ज किसके पास था।





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